भोपाल/ लोकशिक्षण संचनालय द्वारा प्रदेश के शासकीय स्कूलो मे आयोजित तीन दिवसीय प्रतिभा पर्व के अन्तर्गत जिला शिक्षा अधिकारी ने बी.एड.एंव डी.एल.एट.कर रही प्रथम वर्ष की प्रशिक्षणार्थी अविवाहित बच्चीयों को प्रतिभा पर्व का सत्यापन अधिकारी नियुक्त करते हुए भोपाल जिले मे 40 से लेकर 70 किलोमीटर दूर नजीबाबाद क्षेत्र के काफी दूर दराज के स्कूलो मे सुबह दस बजे से शाम 5 बजे तक उक्त स्कूल में पहुंच कर उपस्थित रहने के आदेश जारी कर दिये।
यहां पर जिला शिक्षा अधिकारी ने इस बात को पूर्णतः इस और ध्यान रखना उचित नहीं समझा कि ये प्रथम वर्ष की प्रशिक्षु बच्चीया अपरिचित स्थान तक शहर से 40 से 70 किलोमीटर तक की दूरी किस प्रकार से तय करेगी। इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किस की होगी। शहर के आस पास भी बडी संख्या में शासकीय स्कूल हे फिर इनको शहर से वो भी 40 से 70 किलोमीटर दूर एंव कुछ बच्चीयो को तो मुख्य मार्ग से भी 2 से 3 किलोमीटर सडक विहीन ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में भेजा गया।जिसके कारण ये बच्चीया बारिश हो जाने के कारण किचड भरे रास्ते से होकर मुख्य मार्ग पर लोट सकी।
आज जहां महिला सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिन्तित हे।वहीं इस प्रकार से इन बच्चीयो को इस प्रकार से प्रशिक्षण के नाम पर मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त करना जिला शिक्षा अधिकारी का यह आदेश उचित नहीं हे। यदि इस आदेश को प्रशिक्षण का हिस्सा भी मान लिया जाये तो क्या इन अविवाहित बच्चीयो को शहर से 70 किलोमीटर दूर सडक विहीन स्कूलो मे भेजना भी बच्चीयो की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना नहीं।
Devputr samachar